गोरोचन की सहायता से इस यंत्र को भोजपत्र पर लिखें और शहद से भरे हुए पात्र में डाल दें. शरीर के अंगो पर तिल के होने का महत्त्व हे गौरी शंकरार्धांगिं! यथा त्वं शंकरप्रिया। ← वशीकरण करने के तरीके – वशीकरण के उपाय और टोटके – vasheekaran karane ke tareeke https://www.instagram.com/aacharyagoldiemadan/