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तन्हाई में खोया, अकेला हूँ मैं | Judai Aur Tanhai Ki Dastaan | Sad Ghazal | दर्द भरी ग़ज़ल

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“तेरी महफ़िल से जो निकला तो ये मंज़र देखा तुझसे दूर जाने के बाद तन्हा तो हूँ लेकिन, तन्हाई के पलों में, खुद से मिलने का मन होता है, अहमद फ़राज़ टैग : दिल शेयर कीजिए دل کی یہ کھوٹی ہوئی ہمت نہیں آتی یہ درد ہے عشق کا، دوا https://youtu.be/Lug0ffByUck

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